अजमत-ए-सुफिया – सूफी विरासतों को जीवित रखने की एक राष्ट्रीय पहल
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अजमत-ए-सुफिया: सूफी धरोहरों की सेवा में समर्पित एक मिशन
"अजमत-ए-सुफिया" एक राष्ट्रीय सूफी मिशन है जिसका उद्देश्य भारत और आसपास के देशों में स्थित दरगाहों, खानकाहों, मजारों और अन्य सूफी स्थलों की सेवा, संरक्षण और प्रचार करना है। यह मिशन न सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों से जुड़ा है, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को भी जीवित रखने का कार्य कर रहा है।
उद्देश्य:
- सूफी स्थलों की सफाई, सुरक्षा, और जीर्णोद्धार कराना।
- मजारों व दरगाहों की खिदमत व प्रचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाना।
- सूफी संस्कृति से जुड़े साहित्य, इतिहास, किताबें, व रिसर्च को बढ़ावा देना।
- दरगाहों पर आने वाले जायरीनों को बेहतर सुविधा देना।
- युवाओं में सूफी सोच, मोहब्बत, भाईचारा और तौहीद का संदेश फैलाना।
क्यों जरूरी है ये मिशन?
बहुत सी ऐतिहासिक दरगाहें और सूफी स्थल आज उपेक्षित हैं। इन स्थलों की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान धीरे-धीरे खत्म हो रही है। सूफी परंपरा ने हमेशा समाज को जोड़ने, नफरत को मिटाने और इंसानियत का संदेश देने का कार्य किया है।
कैसे जुड़ें?
- आप सदस्य बन सकते हैं: (₹10/₹50/₹100 से शुरुआत)
- स्थानीय स्तर पर प्रचार, लेखन, सोशल मीडिया पर सपोर्ट करें
- दरगाहों में सेवाभाव से काम करें
- सफाई, रंगाई, मरम्मत आदि में सहयोग करें
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